What Is Form 17C: सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को मतदान प्रतिशत सार्वजनिक करने से किया इनकार

What Is Form 17C: सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को मतदान प्रतिशत सार्वजनिक करने से किया इनकारसुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़े वेबसाइट पर अपलोड करने के संबंध में निर्वाचन आयोग को कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया है। वोटिंग खत्म होने के 48 घंटे के भीतर मतदान का डेटा सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने कहा कि इस चरण में वे अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं। सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने कहा कि हम चुनाव में बाधा नहीं डाल सकते।

निर्वाचन आयोग का तर्क

चुनाव आयोग का तर्क है कि फॉर्म 17C को सार्वजनिक करने की मांग सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। फॉर्म 17C में हर मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड दिया जाता है। आयोग का कहना है कि फॉर्म 17C केवल पोलिंग एजेंट को दिया जाना चाहिए और नियम किसी अन्य को फॉर्म 17C देने की अनुमति नहीं देते हैं।

फार्म 17C क्या है? What Is Form 17C:

चुनाव अचार सहित नियम 1961 के नियम 49S और 56C के तहत फॉर्म 17C एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसका उपयोग भारतीय चुनावों में किया जाता है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की पहचान संख्या, प्रत्येक बूथ पर कुल मतदाताओं की संख्या, उन मतदाताओं की संख्या जिन्होंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद वोट नहीं डाला, और प्रति ईवीएम दर्ज किए गए कुल वोटों का विवरण शामिल होता है। यह फॉर्म मतदान के समापन के बाद भरा जाता है और चुनाव परिणाम से संबंधित किसी कानूनी विवाद में साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

फॉर्म 17C का उपयोग

फॉर्म 17C में ईवीएम की पहचान संख्या, उस बूथ पर कुल मतदाताओं की संख्या, उन मतदाताओं की कुल संख्या जिन्होंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद वोट न डालने का फैसला किया, वोटर्स जिन्हें वोट देने की अनुमति नहीं थी, और प्रति ईवीएम दर्ज किए गए वोटों की कुल संख्या शामिल होती है। चुनाव परिणाम से संबंधित कानूनी विवाद के मामले में फॉर्म 17C का उपयोग किया जा सकता है।

याचिका और निर्वाचन आयोग का जवाब

What Is Form 17C: सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को मतदान प्रतिशत सार्वजनिक करने से किया इनकारयाचिका में निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है कि सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17C भाग एक की स्कैन की गई प्रतियां मतदान के तुरंत बाद अपलोड की जानी चाहिए। आयोग ने जवाबी हलफनामे में कहा है कि उम्मीदवार या उसके एजेंट के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को फॉर्म 17C प्रदान करने का कोई कानूनी आदेश नहीं है। आयोग ने यह भी कहा कि मतदान केंद्र पर डाले गए मतों की संख्या बताने वाले फॉर्म को सार्वजनिक रूप से पोस्ट करना वैधानिक ढांचे के अनुरूप नहीं है और इससे चुनावी प्रक्रिया में शरारत और गड़बड़ी हो सकती है।

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