Hamida Banu Google Doodle:, hamida bano kaun thi ,उत्तर प्रदेश की शेरनी हमीदा बनो ने रचा इतिहास प्रथम महिला पहलवान

hamida bano kaun thi भारत भूमि शूरवीरों की धरती है। जिस पर बड़े-बड़े वीर योद्धाओं ने जन्म लिया, जैसे वीर शिवाजी, बाजीराव पेशवा, पृथ्वीराज चौहान, महाराणा सांगा, बप्पा रावल जैसे वीर योद्धाओं ने इस भारत भूमि पर जन्म लिया है।

इतना ही नहीं, महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं। महिलाओं ने भी बड़े-बड़े प्रशंसनीय काम किए हैं। जैसे: रानी लक्ष्मीबाई, उषा मेहता, सावित्री बाई फुले, मैडम भीकाजी कामा, कसूरबा गांधी आदि। इन महिलाओं ने अपना योगदान इस भारत भूमि के लिए किया है। https://jsmnews.com/aranmanai-4-review/

इन्ही सभी महिलाओं के स्वभाव, आचरण, और विचारों से प्रभावित होकर हमारे देश की महिलाओं में से एक “हमीदा बानो” नाम की महिला पहलवान थी।

(hamida bano kaun thi) हमीदा बनो कोन थी

“हमीदा बानो” जैसी महिलाएं भी हैं, जिन्होंने पहलवानी के क्षेत्र में अपना नाम दर्ज किया है। हमीदा बानो को पहलवानी की दुनिया में प्रथम महिला पहलवान माना जाता है। यह महिला अपने समय की सबसे बड़ी पहलवान थी। हमीदा बानो अपने समय की इतनी बड़ी पहलवान थीं कि वह पुरूष पहलवान को भी खुले रूप से चुनौती दे देती थीं। यह कहा जाता है कि छोटे गामा नाम के मशहूर पहलवान भी पहलवान हमीदा बानो का नाम सुनकर अपना नाम वापस ले लेते थे। जो महिलाओं को कमजोर समझते हैं। हमीदा बानो का नाम सुनकर उनके मुंह बंद हो जाते थे।

हमीदा बानो का जन्म: Hamida Banu Google Doodle

उत्तर प्रदेश में जन्मी हमीदा बानो को अलीगढ़ के अमेजान के नाम से जाना जाता था। कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनकी हाइट 5 फीट 3 इंच थी। हमीदा का वजन 108 किलोग्राम था। हमीदा रोजाना 9 घंटे सोती और 6 घंटे रियाज करती थीं।

(Hamida Banu Google Doodle)

हमीदा बानो अपने पाचन तंत्र का विशेष ध्यान रखती थीं। वह किसी भी तरह के सेहत को हानि पहुंचाने वाले खाने को अपने आहार में शामिल नहीं करती थीं। वह अपने भोजन में रोजाना एक संतुलित आहार लेती थीं, जिसमें निम्नलिखित शामिल था: 5.6 लीटर दूध, 1.8 लीटर फलों का रस, 2.8 लीटर सूप, एक चिकन, लगभग 6 अंडे, मटन, बादाम, आधा किलो मक्खन, दो बड़ी रोटियाँ, और दो प्लेट बिरयानी।

आज का दिन हमीदा बानो का मुख्य:

सन् 1954 में आज के दिन हमीदा बानो ने उस समय के बाहुबली पहलवान बाबा को धूल चटाई। दोनों में बहुत तगड़ा मुकाबला हुआ, जिसके चलते यह मुकाबला 1 मिनट 34 सेकंड तक चलता रहा। उसके बाद हमीदा बानो ने अपनी ताकत दिखाते हुए, बाबा पहलवान को हराया। एक बार जब गामा पहलवान से लड़ने की खबर आई, तो पहलवान गामा ने अपना नाम वापस ले लिया। इस बात के चलते हमीदा बानो ने 300 मैच जीते कर अपना नाम बनाने का दावा किया था। रूस की पहलवान “फीमेल बीयर” कहलाने वाली वेरा चेस्टीलीन को 1 मिनट के अंदर हराने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके बाद उसने घोषणा की कि वह यूरोप जाकर लड़ेगी और अपने देश का गौरव बढ़ाएगी।

हमीदा/सलाम (कोच):

हमीदा बानो ने उस समय यह ऐलान किया था कि जो भी मेरे बराबर में खड़ा होकर मुझे हराएगा, मैं उससे शादी करूंगी। इन फाइट्स के चलते वह पहलवानी से गायब हो गईं। कोच सलाम से हमीदा ने यूरोप जाने का प्रस्ताव रखा।

हालांकि, सलाम ने अपनी सहमति नहीं दी, और बेरहमी से हमीदा को पीटा था।

अंतिम समय:

समय बीत जाने के बाद, हमीदा के पोते फिरोज शेख़ सन् 1986 में उनकी अंतिम सांस तक उनके साथ रहे। फिरोज शेख़ का कहना था कि हमीदा को काफी हद तक सलाम लाठियों से पिटता था, जिसकी वजह से हमीदा के हाथों की हड्डियाँ टूट गई थीं। बेरहमी से मरने की वजह से हमीदा के पैर भी फ्रैक्चर हो गए थे। पहलवानी की दुनिया की शेरनी यह हालत में थीं कि वह अब जमीन पर भी ठीक से चल नहीं सकती थीं। जिंदगी को चलाने के लिए पैसों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमीदा ने दूध बेचकर अपना जीवन व्यापन किया, और कुछ इमारतों को किराए पर दिया। जब शरीर से आसक्त होने के कारण पैसे नहीं होते थे, तो हमीदा अपने घर का बना नाश्ता बेचकर अपना गुजारा करती थीं। more

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