MP News : Indore Cyber Police: इंदौर में एक बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ है, जहां एक डिलीवरी बॉय के खाते में 12 करोड़ रुपए जमा होने के बाद जांच में यह पता चला कि 19 अलग-अलग खातों में कुल 168 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। इंदौर साइबर एसपी जितेंद्र सिंह ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह धनराशि ऑनलाइन बेटिंग और गैंबलिंग से जुड़ी हुई है, जो विदेश से इन खातों में आई है।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी MP News : Indore Cyber Police:
इस मामले में मुख्य आरोपी राकेश त्रिपाठी, जो बलरामपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और नौकरी की तलाश में इंदौर आया था, को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। राकेश त्रिपाठी की मुलाकात एक व्यक्ति से हुई जिसने उसे इंडसइंड बैंक के मैनेजर मोहम्मद खान से मिलवाया। इसके बाद आरके एंटरप्राइजेस के नाम से एक फर्म खोली गई, जिसके खाते में ढाई महीने में 12 करोड़ रुपए जमा हुए।
बैंक मैनेजर की संदिग्ध भूमिका
इस पूरे मामले में कई बैंक मैनेजर्स की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। मोहम्मद जावाद खान ने 35 बैंक अकाउंट्स खोले थे, जिनमें से 15 अकाउंट्स में 138 करोड़ रुपए जमा हुए थे। जांच के दौरान तेलंगाना पुलिस से मिली सूचना के आधार पर इंदौर पुलिस ने यूको बैंक के चार अकाउंट्स की जांच की, जिनमें 30 करोड़ रुपए जमा मिले।
अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा
इस साइबर फ्रॉड का नेटवर्क केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार विदेशों से भी जुड़े हुए हैं। विदेशी मास्टरमाइंड्स के निर्देश पर भारत में इस फ्रॉड को संचालित किया जा रहा था। ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे काम करने वाले लोगों को पैसों का लालच देकर उनके नाम पर बैंक अकाउंट्स खोले जा रहे थे और इन अकाउंट्स को लाखों रुपए में बेचा जा रहा था। सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के माध्यम से इन अकाउंट्स की बिक्री की जा रही थी।
साइबर पुलिस की सलाह
MP News : Indore Cyber Police: इस खुलासे के बाद साइबर पुलिस ने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। पुलिस ने कहा है कि अगर कोई आपके अकाउंट की डिटेल्स मांगता है या आपको एक महीने का अकाउंट रन करने का लालच देता है, तो सावधान रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल्स साझा न करें।
इंदौर में हुआ यह साइबर फ्रॉड एक बड़ी घटना है जिसने साइबर सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला केवल एक शुरुआत हो सकती है और जांच के दौरान और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की जरूरत है।
इस मामले की जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही और भी जानकारी सामने आएगी। साइबर पुलिस की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि साइबर फ्रॉड पर काबू पाने के लिए सतर्कता और त्वरित कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण है।