Rabindranath Tagore Jayanti: इतिहास, उनका योगदान और जानने योग्य अन्य बातें

Rabindranath Tagore Jayanti: रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को हुआ था। और इस महान दिन को रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, देश के महान नोबल पुरस्कृत विजेता की 163वीं जयंती मनाई जाएगी।

इतिहास के पन्नो में दर्ज नोबल पुरस्कार से सम्मानित, विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, गीतकार, श्री रवींद्र नाथ टैगोर जी जो कि एक सदा जीवन और उच्च विचार वाले व्यक्तित्व के धनी थे। वह एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति हैं। MORE NEWS

कला और साहित्य में गौरव

साहित्य का नोबल पुरस्कार ईसवी 1913 में गीतांजलि के लिए उन्हें मिला। जिसने की उन्हें एशिया का पहला नोबल पुरस्कृत व्यक्ति बनाया। श्री रवींद्र नाथ टैगोर जी ने एक दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे। इनमें घरे बहिरे, चोखेर बाली, गोरा आदि शामिल हैं। उन्होंने सिर्फ आठ वर्ष की उम्र में पहली कविता लिखी और 16 वर्ष की छोटी सी उम्र में पहली छोटी कथा प्रकाशित की। जिसके चलते बांग्ला साहित्य में एक नई शुरुआत की। रवींद्र नाथ टैगोर की रचनाएँ बांग्ला साहित्य में एक नये साहस के साथ सामने आईं।

Rabindranath Tagore Jayanti: टैगोर जी की कविताओं में अध्यात्मवाद से लेकर नदी और अंबर की अठखेलियाँ करने का विवरण दर्शाया। तथा अन्य विषयों पर विस्तृत रूप से लिखा गया। श्री रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा एक नारा दिया गया है जो इस प्रकार है:
“जदि तोर डाक शुने केउ ना आसे तबे एकला चलो रे” का अर्थ है, “अगर तू किसी की पुकार को सुने और कोई नहीं आता, तो फिर अकेले चलो।”

रवींद्रनाथ टैगोर जी के नाम से विख्यात इमरते : Rabindranath Tagore Jayanti:

महान आत्माओं के आदर्शपुर्ण जीवन से सीखने के लिए विश्व जगत में रवींद्रनाथ टैगोर जी के नाम से बड़ी–बड़ी इमारतों पर उनका नाम अंकित करवाया गया है। जो इस प्रकार हैं:

  • रवींद्रनाथ टैगोर अकादमिक भवन, राजशाही विश्वविद्यालय ,बांग्लादेश
  • बिश्वकबी रवींद्रनाथ टैगोर हॉल, जहांगीरनगर विश्वविद्यालय, बांग्लादेश
  • रवींद्र परिषद ।
  • रवींद्र भारती, हैदराबाद
  • रवींद्र नजरुल कला भवन, कला संकाय, इस्लामिक विश्वविद्यालय, बांग्लादेश
  • रवींद्र कलाक्षेत्र, बैंगलोर
  • रवींद्र पुस्तकालय (केंद्रीय), असम विश्वविद्यालय, भारत
  • रवींद्रनाथ टैगोर मेमोरियल ऑडिटोरियम, श्रीलंका
  • रवींद्र तीर्थ
    शिक्षा के क्षेत्र में रवींद्रनाथ टैगोर जी ने शिक्षा – दीक्षा को मानव जीवन का महत्वपूर्ण अंग माना है। जिसके चलते उनके नाम पर आधार शिला रखते हुए। रवींद्रनाथ टैगोर जी के नाम पर अनेकों स्कूल और कॉलेज खुले हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
  • रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत।
  • रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज, कोलकाता, भारत
  • रवींद्रनाथ ठाकुर महाविद्यालय, त्रिपुरा, भारत
  • रवींद्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता, भारत।
  • रवींद्र श्रीजोनकला विश्वविद्यालय, केरानीगंज, ढाका, बांग्लादेश
  • रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, होजाई, असम, भारत
  • टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी। स्कूल, करनाल
  • रवींद्रनाथ टैगोर सेकेंडरी स्कूल, मॉरीशस
  • टैगोर विद्यानिकेतन, तलिपरम्बा ।

राष्ट्र गान के रचैता

रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ आज तक स्कूलों में प्रार्थना के समय गाया जाता है। बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ रविन्द्रनाथ टैगोर जी द्वारा लिखा गया है।

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